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સ્વાતંત્ર્ય દિવસ નિમિત્તે…

August 15th, 2007 9 comments

મિત્રો,
આજે 15 મી ઑગષ્ટ… ભારતનો સ્વાતંત્ર્ય દિવસ. સૌ પ્રથમતો આપ સૌ ને 60મા સ્વતંત્રતા દિવસની ખૂબ ખૂબ મંગલ શુભકામનાઓ. આજના આ પર્વ નિમિત્તે સૌ પ્રથમ રજુ કરું છું આપણું રાષ્ટ્રગીત અને ત્યારબાદ અનુક્રમે મારું પ્રિય એવું ફિલ્મ કાબુલીવાલાનું એક ગીત તથા ए मेरे वतन के लोगो..


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જન ગણ મન અધિનાયક જય હે
ભારત ભાગ્યવિધાતા
પંજાબ સિન્ધુ ગુજરાત મરાઠા
દ્રાવિડ ઉત્કલ બંગ
વિન્ધ્ય હિમાચલ યમુના ગંગા
ઉચ્છલ જલધિ તરંગ
તવ શુભ નામે જાગે
તવ શુભ આશીષ માંગે
ગાહે તવ જયગાથા
જન ગણ મંગલદાયક જય હે
ભારત ભાગ્યવિધાતા
જય હે, જય હે, જય હે
જય જય જય જય હે ।

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ए मेरे प्यारे वतन – प्रेम धवन:
गायक: मन्ना डे

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ए मेरे प्यारे वतन, ए मेरे बिछडे चमन, तुझ पे दिल कुर्बान
तू ही मेरी आरजू, तू ही मेरी आबरु, तू ही मेरी जान

तेरे दामन से जो आये उन हवांओ को सलाम,
चूम लूं में उस जुंबा को जीस पे आए तेरा नाम,
सबसे प्यारी सुबहा तेरी, सबसे रंगी तेरी शाम, तुझ पे दिल कुर्बान

मां का दिल बनके कभी सीने से लग जाता है तू,
और कभी नन्ही सी बेटी बनके याद आता है तू,
जितना याद आता है तू उतना तडपाता है तू, तुझ पे दिल कुर्बान

छोडकर तेरी जमीं को दूर आ पहुंचे है हम,
फिर भी है येही तमन्ना तेरे जर्रो की कसम,
हम जहां पेदा हुए उस जगह ही निकले दम, तुझ पे दिल कुर्बान

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ऐ मेरे वतन के लोगों…
गायक: लता मंगेशकर

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ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो -२
जो लौट के घर न आये -२

ऐ मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो क़ुरबानी

जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो, फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा, सो गये अमर बलिदानी
जो शहीद…

जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो आपने, थी धन्य वो उनकी जवानी
जो शहीद…

कोई सिख कोई जाट मराठा, कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला, हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद…

थी खून से लथ-पथ काया, फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा, फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त-समय आया तो, कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने, क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद…

तुम भूल न जाओ उनको, इस लिये कही ये कहानी,
जो शहीद…

जय हिन्द… जय हिन्द की सेना -२
जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द.

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